Intezaar - Wait!
Posted on 12 September 2007
इंतज़ार !
रोज रोज उन्हें देख कर, उनसे मिलने की तमन्ना रखते हैं !
हाल-ए-दिल कैसे बयाँ करें, इसी की कल्पना करते हैं !!
वोह दिन के चंद लम्हे, बन जाते हैं जिंदगी के हसीन पल !
उनसे गुफ्तगू कब होगी, दुआ करते हैं कल, आज और कल !!
उनकी खुली जुल्फैं, उनकी चुलबुली हंसी !
ठहराती हैं मेरी साँसें, एहसास कराती है एक अजब ख़ुशी !!
दिल को उन्ही की हसरत है, आंखों को उनका दीदार !
जब वोह हमसे दोस्ती करें, उसी लम्हे का इंतज़ार !!